कही आप भी इन दज्जाली मुसल्लो पर नमाज़ तो नहीं पढ़ते ?
कही आप भी इन दज्जाली मुसल्लो पर नमाज़ तो नहीं पढ़ते ? जानमाज़ और मुसल्लो पर बनी जानदार के तस्वीरों की हकीकत , फितनाइ ऐ दज्जाल की सोची समझी साजिश। जानमाज़ / मुसल्ले की तसव्विरे और दज्जाली फ़ितना Hidden Symbol on prayer mats क्या कभी आपने मुसल्लो पर बने इन तसावीरों पर गौर किया है? जी हाँ यह वही मुसल्ले है जिन्हे हम शौक से अपनी इबादतों में शुमार करते है बिना यह जाने के इसकी हक़ीकते क्या है। जबकि यह कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं बल्कि सोची समझी साजिशे है जो मुसलमानो के अक़ीदे और जस्बात से खिलवाड़ के लिए बातिल ताकते दिन रात अपनी कोशिश में लगी रहती है। आपको बता दे, मुसल्ले पर इस तरह के नकाशी वाले काम कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं बल्कि दज्जाली फ़ितने की सोची समझी साजिशे है। कौन है इस साजिश के पीछे ? आज से तक़रीबन २०० साल पहले दज्जाल के मानने वाले गिरोह ने इल्लुमिनाति नाम से एक तंजीम की शक्ल ली। इनका बुनियादी मकसद इंसानो में शयातीन का तारूफ आम करना है, यह लोग तरह तरह के सिम्बल्स से लोगों में दज्जाल का तारुफ़ आम करने में माहिर है। फिर चाहे वो आँख का निशान हो, तरह तरह के ...